हो सकता है तुम्हें मेरी मजबूरी हो मालूम.....मगर शायद। हो सकता है तुम्हें मेरी मजबूरी हो मालूम.....मगर शायद।
एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझाने की कोशिश करता है... एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझ...
थामा था जिन्होंने तुम्हारा नन्हा हाथ- उन कांपते हाथों को हिम्मत ज़रूरी है। थामा था जिन्होंने तुम्हारा नन्हा हाथ- उन कांपते हाथों को हिम्मत ज़रूरी है।
ये बाधाएं भी ओझल हो जाएंगी, जिंदगी फिर से एक सुनहरा सवेरा ले आयेगी,।। ये बाधाएं भी ओझल हो जाएंगी, जिंदगी फिर से एक सुनहरा सवेरा ले आयेगी,।।
प्यारे बचपन फ़िर एक बार | तट पर टकराती लहरों पर,आते जाते इन पहरों पर,बचपन की हंसी हिलोरों पर,मुस्काती... प्यारे बचपन फ़िर एक बार | तट पर टकराती लहरों पर,आते जाते इन पहरों पर,बचपन की हंसी...
दिल की बातें...। दिल की बातें...।